Tuesday, October 20, 2009

वो सवाल...

कई लोगों ने आकर कई बार हमसे पूछा...

कि कितनी चाहत है तुम्हारी उनके लिए?

लोग कहते है कि वो अपने हमदम से बहुत मीठा प्यार करते है...

हम तो बस इतना मीठा करते है कि मधुमेह न हो जाए...

वर्ना मधुमेह कई बीमारियाँ पैदा करता है...



लोग कहते है कि वो उनके लिए मर-मिट सकते है...

हम यार बस मर नहीं सकते क्योकि हम जिंदगी का ये सफ़र उनके साथ तय करना चाहते है...



लोग कहते है कि वो सिर्फ उनके है...

हम कहते है वो किसी के भी हो, बस जहाँ हो खुश हो, मस्त हो...



आखिर में पूछा गया कि वो तो है नहीं, फिर कब तक करोगे उनका इंतज़ार...???

मैंने कहा...

हर पल, हर वक़्त, मरते दम तक, और

उसके बाद भी...!!!





- देवास दीक्षित

2 comments:

  1. देवाश बाबु आपके लिए एक शेर अर्ज है...
    तेरे खलूस ने बर्बाद कर दिया ऐ दोस्त,
    धोखा खाए होते तो अब तक संभल गए होते..

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  2. बहुत खूब देवास बाबू...
    ज़िन्दगी के कुछ बेहतरीन सवालों के बेहतरीन जवाब दिए हैं आपने |
    लीक से हटकर काफी अच्छा लिखा है |
    बधाई हो |
    उम्मीद है की आगे भी इसी तरह कुछ उम्दा रचनाएँ पढने को मिलेंगी |

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