आओ आज मिलकर एक फैसला लें,
एक फैसला ले कि, इस मुल्क में होने वाले हर एक आतंक से हम लड़ेंगे, और हर उस आँख को फोड़ दिया जाएगा जो इस मुल्क की तरफ़ गलत इरादों से उठेगी...हम आगे से कभी भी, किसी भी जाति-धर्म के लिए नहीं लड़ेंगे l आओ मिलकर एक कसम खाएँ कि हम जागरूक रहेंगे, सचेत रहेंगे l उन चंद हथियारबंद लोगों का खौफ हमें नही रोकेगा, बाज़ार जाकर अपनी बेटी के लिए सुहाग का जोड़ा खरीदने से l बहने बेखौफ होकर अपने-अपने भाइयों के लिए उनकी मनपसंद मिठाई बाज़ार से लाएँगी l बच्चे और बड़े, सब खुलकर दिवाली पर खरीदारी करेंगे l हम आज कसम खाएँ कि हम किसी के भाई, किसी के सुहाग, किसी के बेटे का वो बलिदान कभी नहीं भूलेंगे जो उसने दूर सरहद पर हमारे लिए दिया था l हम न भूलें कि हमें चैन कि नींद देने के कोई रात-रात भर वहां पहरा देता है...l सबसे खास बात ये, कि कोई अपनी जान खतरे में डालकर दुश्मनों से लोहा लेता है, और हँसते-हँसते इस मिट्टी का क़र्ज़ चुकाने के लिए ये देश, ये वतन हम पर छोड़ कर चला जाता है...
Saturday, September 12, 2009
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सोचने वाली बात है | अच्छा लिखा है | बधाई |
ReplyDeleteये अगर सब सोच ले तो फिर देश से गादारों और भ्रष्ट लोगो का खत्म हो जायेगा...
ReplyDeletehume bhaarat ne jo kuch bhi diya h shayad hum use kabhi waapas na kr paaye..par is watan k liye mar mitne ka jajba rakhna hi kaafi h..
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