Sunday, June 27, 2010

विजयी भव:

आपने वह डायलौग तो सुना ही होगा- ''हार कर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं''. शाहरुख़ खान कि सुपरहिट फिल्म बाज़ीगर कि यह लाइन भारतीय क्रिकेट टीम पर पूरी तरह फिट बैठती है. तीसरे टी-20 विश्वकप में मुँह की खाने के बाद, भारतीय क्रिकेट टीम ने एक अरसे बाद अपने प्रशंसको को खुश कर दिया है. दरअसल भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के चेहरे पर यह मुस्कान एशिया कप जीतने के बाद आई है.
हाल ही में एशिया कप जीतकर आई इस टीम को देखकर शायद ही कोई विश्वास कर सके कि यह वही टीम है, जिसे टी-20 विश्वकप के सुपर-8 चरण में ही बाहर होना पड़ा था. विश्वकप में ख़राब प्रदर्शन की गाज़ खिलाडियों पर गिरी और नाराज़ चयनकर्ताओं ने ज़िंबाबवे दौरे के लिए युवा टीम को मौका दिया. सुरेश रैना की अगुवाई वाली युवा टीम ने यहाँ भी निराश किया. ज़िंबाबवे जैसी टीम से अपने दोनों मैच हारने के बाद टीम बिना फाइनल खेले स्वदेश लौट आई. सीनियर और युवा खिलाड़ियों के ख़राब प्रदर्शन को लेकर चयनकर्ताओं के माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ देखी जा सकती थीं. सामने एशिया कप था, जहाँ भारतीय टीम को श्रीलंका, बांग्लादेश और चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से भिड़ना था. इस बार चयनकर्ताओं ने युवाओं के जोश और सीनियर खिलाड़ियों के होश का काकटेल बनाया. महेंद्र सिंह धोनी को खुद को अच्छा कप्तान साबित करने का आखरी मौका दिया गया. इस बार भारतीय टीम ने किसी को निराश नही किया और चैम्पियनों की तरह खेलते हुए एशिया कप जीत लिया.
भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच हमेशा से खेल प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं. और शायद पूरे एशिया कप में से क्रिकेट प्रेमियों को सबसे ज्यादा इंतजार, इस मैच का ही था. हर बार की तरह इस बार भी इस मैच में वो सब कुछ था जो इन चिर-प्रतिद्वंदियों के मैच में देखने को मिलता है. मैच के बीच में हमेशा की तरह खिलाड़ियों के बीच झड़प हुई जिसमे अम्पायरों ने बीच-बचाव किया. बहरहाल, कड़ी टक्कर, तनाव और बेहद रोमांच से भरे इस मैच को भारत ने 3 विकेट से जीत लिया. इस जीत के साथ ही भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में हर्ष की लहर दौड़ गयी. दिल्ली में तो जगह-जगह पटाखे छुटाए गए. दिल्ली के एक क्रिकेट प्रशंसक अमित ने तो यहाँ तक कह डाला कि अब चाहे टीम एशिया कप जीते या हारे, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, भारत पाकिस्तान से जीत गया, यह सबसे बड़ी बात है.
पाकिस्तान के अलावा भारतीय टीम ने बांग्लादेश को भी 6 विकेट से करारी मात दी. हालाँकि अपने लीग मैच में, भारतीय टीम को श्रीलंका के हाथों 7 विकेट से हार झेलनी पड़ी, पर फाइनल मैच में भारतीय टीम ने अपनी इस हार का बदला ले लिया. फाइनल मैच में भारत ने श्रीलंका को 81 रन से हराकर ख़िताब पर कब्जा किया. जहाँ फाइनल मैच में 'मैन ऑफ द मैच' दिनेश कार्तिक को दिया गया, वहीं पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी एशिया कप में 88.3 की औसत से 265 रन बनाकर मैन ऑफ द सीरीज़ बने.
इस शानदार और 'कमबैक' जीत से खुश भारतीय चयनकर्ताओं ने 18 जुलाई से श्रीलंका में शुरू होने वाली 3 टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी है. सचिन तेंदुलकर. राहुल द्रविड़ और वी.वी.एस. लक्ष्मण की 'त्रिमूर्ति' को टीम में शामिल किया है. इनके अलावा सहवाग, धोनी, गंभीर और रैना की मौजूदगी से टीम का बल्लेबाजी क्रम ख़ासा मज़बूत नज़र आ रहा है. ज़िम्बाब्वे और एशिया कप से अपने खराब प्रदर्शन के चलते टीम से बाहर किये गए युवराज सिंह को टीम में शामिल किया गया है. युवराज सिंह की प्रतिभा पर शायद ही किसी को शक हो, पर युवी को यह खुद ध्यान रखना चाहिए की लम्बे अरसे से लगातार युवा खिलाडी टेस्ट टीम के दरवाज़े पर दस्तक दे रहे हैं. पिछले कई सीज़नों से रणजी ट्राफी में रनों का पहाड़ खड़ा करने वाले चेतेश्वर पुजारा ने हाल ही में इण्डिया 'ए' की तरफ से खेलते हुए इंग्लैंड में दो सेंचुरी लगाई हैं, जिनमे से एक डबल सेंचुरी है. ज़ाहिर है, चयनकर्ता पुजारा के इस प्रदर्शन को ज्यादा देर तक नज़र अंदाज़ नही कर पाएंगे. खुद को साबित करने का, युवराज का यह आखरी मौका साबित हो सकता है. टीम चयन में दूसरे विकेट-कीपर के रूप में व्रिधिमान साहा का चयन समझ से परे है. एशिया कप में 53 की औसत से 106 रन बनाने वाले दिनेश कार्तिक साहा से ज्यादा अनुभवी, विकेट-कीपर हैं. कार्तिक एक अच्छे ओपनर भी हैं, ज़ाहिर है साहा के स्थान पर कार्तिक चयनकर्ताओं के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते थे. गेंदबाजी विभाग में भी ज़हीर और हरभजन को छोड़ कोई भी खास अनुभवी गेंदबाज़ नहीं है. खैर, देखते हैं, इस बार ऊँट किस करवट बैठता है. टेस्ट टीम इस प्रकार है-
महेंद्र सिंह धोनी(कप्तान), वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वी.वी.एस. लक्ष्मण, गौतम गंभीर, मुरली विजय, युवराज सिंह, सुरेश रैना, हरभजन सिंह, ज़हीर खान, इशांत शर्मा, एस. श्रीसंत, अमित मिश्रा, प्रज्ञान ओझा और व्रिधिमान साहा.

-देवास दीक्षित
कृत

7 comments:

  1. by reading dis post m feeling lik m reading newspaper,,vry informative nd true..good keep it up fr refreshing my knowledge

    ReplyDelete
  2. very gud attempt...try n give a light
    face to ur articles in terms of the words , phrases and language that u use. ....keep up the gud work man !!

    ReplyDelete
  3. gud job in terms of facts n informatn!!! bt u can alwaz attract more charm to ur articles by makin them a little interactive, funny n light :)plz plz a little simple language fr dumb ppl lyk me n maintain dat humour in ur articles :) cheeeers!!!!!!

    ReplyDelete
  4. bahut hi badhiya likha hai,aagey bhi isi tarah likhte raho.haan ek baat ka dhyan rakhna"SUDHAAR KI HUMESHA GUNJAISH REHTI HAI".WELL DONE

    ReplyDelete
  5. hey cool yaar ye tumne khud ne likha hai??? mast hai yaar!!!

    ReplyDelete
  6. mast likha h bhai !!!! gud one . . .

    ReplyDelete
  7. Bahut sunder likha hai bhai... teji se badh rahe ho ... isliye bahut khusi ho rahi hai.
    font size thoda bada rakho taaki padhne men problem na ho.
    ab reguler mulakaat hogi.

    kuch naya padhne ke intezaar men

    Jai

    ReplyDelete